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Dard-E-Tanhai Shayari on Narazgi

किसी से नाराज़गी रखना गलत बात है
मगर ज़रा सोचो ये भी तो एक जज़्बात है

ज़िन्दगी के बारे में बस इतना जान लो तुम
ख़्वाबों से हक़ीक़त की यह मुलाकात है

किसी शायर की आँखों में देखो तो पता चले
तन्हा तन्हा ये दिन, तन्हा तन्हा ये रात है।

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