एक शख्स पास रह के समझा नहीं मुझे,
इस बात का मलाल है शिकवा नहीं मुझे,
मैं उस को बेवफाई का इलज़ाम कैसे दू
उसने तो दिल से ही चाहा नहीं मुझे !
एक शख्स पास रह के समझा नहीं मुझे,
इस बात का मलाल है शिकवा नहीं मुझे,
मैं उस को बेवफाई का इलज़ाम कैसे दू
उसने तो दिल से ही चाहा नहीं मुझे !
Manoj and lalit ek tarfa peyar me dhokha ki sayri
very nice